Top most cruel torture techniques

मध्ययुग को मनुष्य के इतिहास का सबसे बर्बर युग माना जाता है। इस काल में अनेकों बर्बर लड़ाइयां लड़ी गई। अपने दुश्मनो, विद्रोहियों या क़ानून तोड़ने वालों को सजा देने के लिए ऐसे बर्बर, वहशी तरीके इस युग में इज़ाद किये गए जिनके बारे में सुनकर और पढ़ कर आपकी रूह काँप उठेगी।
हम यहाँ पर आपको मध्ययुग के सजा देने के 10 ऐसे ही खौफनाक तरीकों के बारे बताएंगे।

15वीं सदी में व्लाद तृतीय वालाशिया का राजकुमार था। व्लाद को ड्रैकुला नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वह बेहद निर्दयी था। अपराध सिद्ध होने पर वह धारदार पोल को पीड़ित की शरीर के आर-पार करने का हुक्म सुनाता था। पोल की मोटाई इतनी होती थी कि उसे देख किसी भी इंसान की रूह कांप उठे।
जिस शख्स को ये सजा मिलती थी, उसे जबरन धारदार पोल पर बैठने के लिए मजबूर किया जाता था। पोल धीरे-धीरे उसके शरीर को चीरता हुआ निकल जाता था। सामन्यतया पीड़ित को पोल पर इस तरह बिठाया जाता था की पोल का नुकीला हिस्सा शरीर को हुआ ठोढ़ी पर आकर एक बार रुक जाए और फिर धीरे धीरे ठोढ़ी की हड्डी को पार करे। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि मुजरिम को ज्यादा समय तक पीड़ा भुगतनी पड़े। इस तरह से पोल लगाने पर तीन दिन की असहनीय पीड़ा झेलने के बाद आखिरकार पीड़ित की मौत हो जाती थी।
कहते है की व्लाद ने अपने शासनकाल में 20000 से लेकर 300000 लोगो को यह सज़ा दी थी। व्लाद इस कदर जालिम इंसान था कि खाना खाते वक्त उसे ऐसा देखने में बड़ा आनंद आता था। जरा सोचिए, तब हैवानियत किस कदर सिर चढ़कर बोलती थी।
2. जूडस क्रैडल यानी यहूदी पालना – Judas Cradle
यहूदी पालना एकबारगी देखने में धारदार पोल से जरा कम कष्टदाई लगे, लेकिन ये इंसान को तड़पा-तड़पा कर मारने वाला हथियार था। लोगों को नग्न कर यहूदी पालने में बिठाया जाता था। प्रताड़ना की ये प्रक्रिया बेहद खौफनाक होती थी। पीड़ित को तीन जगह से बंधे एक रिंगनुमा खाली सीट पर लटका दिया जाता था। फिर इसके नीचे यहूदी पालने को लगाया जाता।
इस दौरान पीड़ित के पैर को रस्सी से बांध दिया जाता था, जिसे नीचे खड़े कुछ लोग पकड़े होते थे। सजा का आदेश मिलते ही, लोग रस्सी को एकदम से खींच देते। गौरतलब है कि स्त्री को उलटा और पुरुष को सीधे इस जानलेवा हथियार पर बिठा कर सजा दी जाती थी। इस सजा के दौरान लोग घंटों रस्सी को खींचते रहते थे। कभी कभी दर्द को बढ़ाने के लिए पीड़ित पर अतिरिक्त वजन भी लटका देते थे।
3. कॉफिन टार्चर – Coffin Torture
इसे कॉफिन प्रताड़ना कहा जाता था। मध्ययुग में ये काफी प्रचलित था। अगर आपको ध्यान हो तो किसी हॉलीवुड फिल्म में आपने इस तरह से सजा देते हुए देखा होगा। पीड़ित को इस पिंजरे में कैद किया जाता था, ताकि वह अपनी जगह से हिल भी न सके। इसके बाद पिंजड़े को किसी पेड़ से लटका दिया जाता था। इस तरह की सजा ईशनिंदा जैसे गंभीर अपराध के लिए दी जाती थी।
पीड़ित को या तो आदमखोर जानवर काट खाते या फिर वह पक्षियों का निवाला बनता था। हालांकि, देखने वाले पीड़ित का दर्द बढ़ाने के लिए उस पर पत्थरों से भी हमला करते थे।
4. दा रैक – The Rack

दा रैक जिसे की हम सामान्य भाषा में हड्डी तोड़ शैय्या कह सकते हैं। मध्ययुग में इस प्रताड़ना को सबसे दर्दनाक माना जाता था। हड्डीतोड़ शैय्या एक लकड़ी का फ्रेम है। इसमें लकड़ी के दो पट्टे ऐसे होते थे, जो लीवर के सहारे ऊपर की ओर उठाए जाते थे। लीवर शैय्या के दोनों ओर होता था। दोनों पट्टों पर नुकीली कीलें होती थीं। सजा देते वक्त पीड़ित के हाथ-पांव बांध कर उसे इस पर लिटा दिया जाता था।
फिर शुरू होता था प्रताड़ना का खेल। शैय्या के दोनों ओर एक-एक व्यक्ति लीवर को मजबूती से उठाता और जैसे-जैसे पट्टा उठता पीड़ित की हड्डियां कड़कड़ाहट की आवाज के साथ टूटती जातीं। ये खेल तब तक चलता, जब तक पीड़ित दम नहीं तोड़ देता।
दा रैक जिसे की हम सामान्य भाषा में हड्डी तोड़ शैय्या कह सकते हैं। मध्ययुग में इस प्रताड़ना को सबसे दर्दनाक माना जाता था। हड्डीतोड़ शैय्या एक लकड़ी का फ्रेम है। इसमें लकड़ी के दो पट्टे ऐसे होते थे, जो लीवर के सहारे ऊपर की ओर उठाए जाते थे। लीवर शैय्या के दोनों ओर होता था। दोनों पट्टों पर नुकीली कीलें होती थीं। सजा देते वक्त पीड़ित के हाथ-पांव बांध कर उसे इस पर लिटा दिया जाता था।
फिर शुरू होता था प्रताड़ना का खेल। शैय्या के दोनों ओर एक-एक व्यक्ति लीवर को मजबूती से उठाता और जैसे-जैसे पट्टा उठता पीड़ित की हड्डियां कड़कड़ाहट की आवाज के साथ टूटती जातीं। ये खेल तब तक चलता, जब तक पीड़ित दम नहीं तोड़ देता।
5. ब्रेस्ट रिपर – The Breast Ripper
ये प्रताड़ना सिर्फ महिलाओं को दी जाती थी। अगर कोई महिला दूसरे पुरुष के साथ अंतरंग संबंध बनाती पाई जाती या फिर उस पर इस तरह का आरोप साबित होता, तो ब्रेस्ट रिपर के जरिए उसे प्रताड़ना दी जाती थी। रिपर को महिला के ब्रेस्ट से लगाकर जोर से दबा दिया जाता था।
हालांकि, हैवानियत की इंतिहा इतनी ही नहीं, चिमटानुमा इस हथियार को आग पर तपाया जाता था। इस प्रताड़ना के दौरान पीड़िता के उभार को पूरी तरह से निकाल बाहर किया जाता था। इस सजा में अधिकतर स्त्रियों की मौत हो जाती थी और जी ज़िंदा बचती थी उनकी ज़िन्दगी मौत से बदतर होती थी।
6. घातक हथियार – The Pear of Anguish
तस्वीर में देख आप अंदाजा लगा सकते हैं कि छोटा-सा ये हथियार पीड़ित के लिए कितना कष्टदायक साबित हो सकता है। इस हथियार का इस्तेमाल बच्चा गिराने वाली महिलाओं, झूठ बोलने वालो और होमो सेक्सुअल लोगो पर होता था। ये नुकीला हथियार ऊपर लगा पेच घुमाने पर चार हिस्सों में बंट जाता है।
इस हथियार को झूठ बोलने वालों के मुंह में, एबॉर्शन कराने वाली महिलाओं की योनि में और होमो सेक्सुअल लोगो की गुदा में डाल कर इसके पेच को घुमाया जाता था। जैसे जैसे पेच को घूमते यह बड़ा होता जाता जिससे की पीड़ित को असहनीय दर्द होता, फिर उसकी खाल फट जाती और हड्डियां टूट जाती। अंत में अभियुक्त की मृत्यु हो जाती।
7. ब्रेकिंग व्हील – The Breaking Wheel
ब्रेकिंग व्हील को कैथरीन व्हील के नाम से भी जाना जाता था। इससे पीड़ित जिंदा नहीं बचता था। लेकिन ये उसे इतना तड़पा कर मारता था कि देखने वालों की रूह कांप उठती थी। पीड़ित को व्हील से बांध कर उस पर हथौड़े से तब-तक प्रहार किया जाता था, जब तक उसके शरीर की हड्डियां टूट नहीं जातीं। फिर मरने के लिए उसे छोड़ दिया जाता। कभी कभी पीड़ित को एक ऊंचे व्हील पर रखा जाता था ताकि पक्षी उस हाथ पैर टूटे हुए इंसान की जिन्दा ही खा सके।
ऐसा भी कहा जाता है कि जिन पर दया आ जाती, उनकी सिर्फ छाती और पेट पर ही हथौड़े से वार किया जाता था। हालांकि, पीड़ित किसी भी सूरत में जिंदा नहीं बचता था।
8 . सॉ टार्चर यानी आरी प्रताड़ना – Saw Torture
ये सजा पीड़ित को घोर व गंभीर अपराध के लिए दी जाती थी। इसमें एक खंभे के सहारे पीड़ित का पैर बांधकर उसे उलटा लटका दिया जाता था। उल्टा इसलिए लटकाया जाता था ताकि उसके दिमाग को ब्लड सप्लाई चालू रहे और वो इंसान ज्यादा समय तक ज़िंदा रहे।
उसके बाद एक बड़ी आरी लेकर उसको बीच में से धीरे धीरे काटा जाता था। किसी किसी मुजरिम को ही पूरा दो हिस्से में काटा जाता था अधिकतर को तो केवल काटकर छोड़ दिया जाता था।
9. हेड क्रसर – The Head Crusher
यह मध्यकाल में स्पेन में प्रयोग होने वाली आम तकनीक थी। तस्वीर में आप देख सकते हैं कि एक टोपीनुमा यंत्र प्रताड़ना के लिए बनाया गया है। पीड़ित का सिर इस टोपी से जकड़ दिया जाता था। इसके बाद एक व्यक्ति धीरे-धीरे लीवर को घुमाने लगता था।
जैसे-जैसे लीवर घूमता, टोपी से लगे रॉड पास आते जाते। फिर एक झटके में पीड़ित का सिर आवाज के साथ फट जाता।
10. नी स्प्लिटर – The Knee Splitter
यह हथियार भी स्पेन में ही काम में लिया जाता था। इस हथियार को देखते ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये कितना खतरनाक होगा। इसे नी स्प्लिटर कहते हैं। इसमें पैरो के घुटनो का फंसाकर इसे दबाया जाता था जिससे की उसके घुटनो की हड्डियां टूट जाती थी।
इस हथियार के प्रयोग से किसी की जान तो नहीं जाती थी पर उस इंसान के घुटने किसी काम के नहीं रहते थे। कभी कभी इसका प्रयोग घुटनो के अलावा कोहनी पर भी किया जाता था।
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